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Tuesday 12 April 2016

प्यार का चमत्कार

प्यार का चमत्कार

केरन एक 3 वर्ष के बच्चे की मां, फिर से गर्भवती थी. सोनोग्राफी से पता चला कि उसे इस बार एक बेटी होगी. उसे चिंता थी कि बच्ची के आने पर उसका 3 साल का बेटा माइकल पता नहीं कैसे बर्ताव करेगा. वह बच्ची को स्वीकार करेगा या नहीं? कहीं उसे यह ना लगे कि अब उसके हिस्से का प्यार, माँ बाप नई बच्ची को दे रहे हैं. यह सोच कर उसने अपने बेटे को धीरे-धीरे समझाना शुरू किया कि उसकी एक छोटी बहन आने वाली है. उसने माइकल को इस तरह से समझाया कि वह अपनी आने वाली बहन से बहुत प्यार करने लगा.

और एक दिन माइकल की छोटी बहन का जन्म हुआ. परन्तु वह बहुत बीमार थी इसलिए उसे फ़ौरन नर्सरी में भर्ती करना पड़ा. माइकल अपनी बहन को देखना चाहता था, उसके साथ खेलना चाहता था. केरन बीच-बीच में बच्ची को देखने और दूध पिलाने जाती. नर्सरी में बच्चों का जाना वर्जित होता है, इसलिए बहुत चाहने के बाद भी माइकल अपनी बहन को नहीं देख पा रहा था. वह बहुत दुखी हो गया और ज्यादातर समय रोता रहता था.

बच्ची की हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी. यहां तक कि केरन और उसके पति को लगने लगा कि बच्ची का बचना मुश्किल है. माइकल बार-बार अपने माता पिता से जिद करता कि उसे बहन को देखने जाना है और उसे एक गाना सुनाना है.

केरन को लगा कि यदि उसने अभी उसे अपनी बहन से नहीं मिलाया तो शायद कभी भी नहीं मिला पाएगी. यह सोच कर अगले दिन वह माइकल को नर्सरी में ले गई. वहां ड्यूटी पर तैनात हेड-नर्स ने कहा कि बच्चों को वहां लाने की अनुमति नहीं है.

केरन ने बहुत दृढ़ता के साथ हेड-नर्स से कहा कि, "चाहे कुछ भी हो जाए, वह अपनी बहन को गाना सुनाये बिना वहां से नहीं जाएगा." और वह माइकल को उसकी बहन के पालने के पास ले गई.

बच्ची तड़प रही थी. हाथ-पैर मार रही थी. उसकी सांसें बहुत तेज चल रही थी. माइकल ने बाल-सुलभ तरीके से गाना शुरू किया. अभी उसने एक दो लाइनें ही गाई थीं, कि बच्ची ने हाथ-पैर मारना कम कर दिया. हेड-नर्स सब देख रही थी. वह उसे गाने से रोकना चाहती थी पर बच्ची की प्रतिक्रिया को देख, उसने माइकल से गाना चालू रखने को कहा. हेड-नर्स की आँखें भी भर आई थी. माइकल गाता रहा. बच्ची की उखड्ती सांसें ठीक होने लगी थी. और देखते-देखते माइकल की बहन बिलकुल शांत हो गई, जैसे उसे बहुत आराम मिला हो. वह टिकटिकी लगाए माइकल को देख रही थी. केरन के चेहरे पर ख़ुशी की आभा छा गई.

अगले ही दिन माइकल की बहन को नर्सरी से छुट्टी मिल गई. डॉक्टर्स ने इसे एक चमत्कार कहा.

यह कहानी Tennessee, USA में 1992 में घटित एक सच्ची घटना पर आधारित है.

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