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Tuesday 12 April 2016

गरीब किसान

एक बार एक गरीब किसान एक अमीर(Rich) साहूकार के पास आया, और उससे बोला कि आप अपना एक खेत एक साल के लिए मुझे उधार दे दीजिये। मैं उसमें मेहनत से काम करुँगा, और अपने खाने के लिए अन्न उगाऊंगा।अमीर(Rich) साहूकार बहुत ही दयालु व्यक्ति था। उसने किसान को अपना एक खेत दे दिया, और उसकी मदद के लिए 5 व्यक्ति भी दिए। साहूकार ने किसान से कहा कि मैं तुम्हारी सहायता के लिए ये 5 व्यक्ति दे रहा हूँ, तुम इनकी सहायता लेकर खेती करोगे तो तुम्हे खेती करने में आसानी होगी।साहूकार की बात सुनकर किसान उन 5 लोगों को अपने साथ लेकर चला गया, और उन्हें ले जाकर खेत पर काम पर लगा दिया। किसान ने सोचा कि ये 5 लोग खेत में काम कर तो रहे हैं, फिर मैं क्यों करू? अब तो किसान दिनरात बस सपने ही देखता रहता, कि खेत में जो अन्न उगेगा उससे क्या क्या करेगा, और उधर वे पाँचो व्यक्ति अपनी मर्जी से खेतमें काम करते। जब मन करता फसल को पानी देते, और अगर उनका मन नहीं करता, तो कई दिनों तक फसल सुखी खड़ी रहती।जब फसल काटने का समय आया, तो किसान ने देखा कि खेत में खड़ी फसल बहुत ही ख़राब है, जितनी लागत उसने खेत में पानी और खादडालने में लगा दी खेत में उतनी फसल भी खेत में नहीं उगी। किसान यह देखकर बहुत दुखी हुआ।एक साल बाद साहूकार अपना खेत किसान से वापिस माँगने आया, तब किसान उसके सामने रोने लगा और बोला आपने मुझे जो 5 व्यक्ति दिए थे मैं उनसे सही तरीके से काम नहीं करवा पाया और मेरी सारी फसल बर्बाद हो गयी। आप मुझे एक साल का समय औरदे दीजिये मैं इस बार अच्छे से काम करूँगा और आपका खेत आपको लौटा दूँगा।किसान की बात सुनकर साहूकार ने कहा- बेटा यह मौका बार बार नहीं मिलता, मैं अबतुम्हें अपना खेत नहीं दे सकता। यह कहकरसाहूकार वहाँ से चला गया, और किसान रोता ही रह गया।दोस्तों अब आप यहाँ ध्यान दीजिये –वह दयालु साहूकार“भगवान”हैंगरीब किसान“हम सभी व्यक्ति”हैंसाहूकार से किसान ने जो खेत उधार लिया था, वह हमारा“शरीर”है साहूकार ने किसान की मदद के लिए जो पांच किसान दिए थे, वो है हमारी पाँचो इन्द्रियां“आँख, कान, नाक, जीभ और मन”भगवान ने हमें यह शरीर अच्छे कर्मो को करने के लिए दिया है, और इसके लिए उन्होंने हमें 5 इन्द्रियां “आँख, कान, नाक, जीभ और मन” दी है। इन इन्द्रियों कोअपने वश में रखकर ही हम अच्छे काम कर सकते हैं ताकि जब भगवान हमसे अपना दिया शरीर वापिस मांगने आये तो हमें रोना ना आये।इस ज्ञान को अपने जीवन में अपनायें और इस कहानी को आगे बढ़ाएँ।

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