magic

Friday 22 April 2016

भगवान के दर्शन

एक गाँव में एक काना था सब लोग उसे एक आँख होने की वजह से काना कह कर चिढाते थे। उसने सोचा की इन गाँव वालो को सबक सिखाता हूँ। उसने रात को 12 बजे अपनी दूसरी आँख भी फोड़ ली और पुरे गाँव में चिल्लाता हुआ दोड़ने लगा “मुझे भगवान दिखाओ दे रहें है अच्छे दिन दिखाई दे रहे है”,

ये सुनकर गाँव वाले बोले अबे काने  तुझे कहाँ से भगवान या दिखाई दे रहें हैं। तो उसने कहा की रात को सपने में भगवन  ने दर्शन दिया और बोले की अगर तू अपनी दुसरी आँख भी फोड़ ले तो तुझे मेरे दर्शन होंगे। इतना सुनकर गाँव के सरपंच ने कहा की मुझे भी भगवन  देखने हैं। तो अँधा बोला की दोनों आँखे फोडोगे तभी दिखाई देंगे ।

सरपंच ने हिम्मत करके अपनी दोनों आँखे फोड़ ली। पर ये क्या अच्छे दिन तो दूर अब तो उसे दुनिया दिखाई देना बंद हो गई। उसने अंधे से कान में कहा की भगवान तो दिखाई नहीं दे रहे। तो अँधा बोला सरपंच जी सबके सामने ये सच मत बोलना नहीं तो सब आप को मुर्ख कहेंगे इसलिए बोलो भगवानके दर्शन  गए।

इतना सुनकर सरपंच ने जोर से बोला मुझे भी भगवान दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद एक एक करके पुरे गांव वालों ने अपनी आँखे फोड़ डाली और मज़बूरी में वही बोल रहे थे जो सरपंच ने कहा । भगवान के  दर्शन हो गये……..

यही हाल ज़्यादातर उन लोगों का होता है यह भेडचाल  है…..ज़्यादातर लोग जो बिना सोचे-समझे किसी की भी बात मानकर किसी नेता या धर्मगुरु के पीछे-पीछे चलने लगते है और उनके अनुयायी बन अंध-भक्त बन जाते हैं….जब सच्चाई समझ आती है और उनको कुछ भी हाथ नहीं लगता तो भी वो शर्म के कारण ये जानते हुए कि वो बेवक़ूफ़ बन गये है….दूसरों को भी अपने साथ आने के लिए उस गलत बात का प्रचार करते रहते है…. क्योंकि सब एक्से होंगे तो कोई किसी को क्या कहेगा….

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