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Tuesday 12 April 2016

कठिनाइयाँ

इस दुनिया में शायद ही कोई इंसान होगा जिसके जीवन में कठिनाइयाँ ना हों। जब तकजीवन चलता है सुख और दुःख दोनों साथ चलते रहते हैं। लेकिन हर कठिनाई के साथ एक अच्छा सबक छिपा होता है। इतिहास गवाहहै कि जिस व्यक्ति ने अपनी कठिनाइयों कासामना करके उनसे पार पाया है वही आगे जाके सफल हुआ है।यूँ तो कठिनाई आने पर हर इंसान विचलित हो जाता है, आप भी और मैं भी। लेकिन हमें कठिनाइयों से लड़ना सीखना है, आइये आज इस विषय पर थोड़ा गौर फरमाते हैं –.

क्या करें जब आप कठिनाइयों से घिरे होंखुद को दें सलाह –
स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि अगर कोईशख्स आपकी सच्ची मदद कर सकता है तो वो हैं खुद “आप”। जब आप किसी कठिनाई में फँसे हों तो थोड़ी देर के लिए भूल जाइये कि आप मुसीबत में हो और अपनी सारी परेशानियाँ मुझ पर डाल दीजिये। ये सोचिये मैं यानि “पवन कुमार” मुसीबत मेंहै तो अब आप मुझे क्या सलाह देंगे। ठन्डे दिमाग से सोचिये मुझे कठिनाई से निकलने की सलाह दीजिये। फिर देखिये आप खुद ही अपनी समस्या का समाधान कर लेंगे।समस्या मेरे साथ ही क्यों?बहुत सारे लोग अक्सर मन ही मन खुद को कोसते हैं कि सारी समस्यांए मेरे साथ हीक्यों होती हैं? लेकिन ये सच नहीं है- दरअसल हर इंसान को अपनी समस्या ही सबसे बड़ी लगती है और ऐसा इसलिए है क्यूंकि आप दूसरे लोगों की परेशानियों को नहीं जानते। एक बात हमेशा ध्यान रखिये कि समस्या को आसान मान लें तो वो वास्तव में आसान लगने लगती है और मुश्किल मान लें तो समस्या खुद ब खुद बड़ी लगने लगती है।

जिंदगी एक क्रिकेट का गेम है –हमारी जिंदगी एक क्रिकेट के खेल की तरह है और क्रिकेट की बॉल कठिनाइयों की तरह।अगर आपको रन बनाने है तो बॉल का सामना तोकरना ही होगा। बॉल से डरिये नहीं बल्कि आगे बढ़कर एक लम्बा छक्का लगाइये।कठिनाइयों के छिपे होते हैं अच्छे अवसर –आसान काम तो हर कोई कर लेता है, मजा तो जबआता है जब आप किसी बहुत कठिन काम को सफलतापूर्वक पूरा करें। जब कठिनाई आये तो यही सोचे कि “आसान काम तो हर कोई कर लेता है” मुझे तो कठिनाइयों को हराना है। आप चाहे कोई बिजनैसमैन हों या स्टूडेंट हर कठिनाई के पीछे बहुत सारे बड़े अच्छे अवसर छिपे होते हैं।दोस्तों के साथ करिये कठिनाइयां शेयर –अभी कुछ दिन पहले की बात है कि मैं एक सॉफ्टवेयर पे काम कर रहा था और मैं एक परेशानी में फंस गया। बहुत कोशिश के बादभी मैं उस प्रॉब्लम को हल नहीं कर पा रहाथा। ऐसे ही 3 दिन गुजर गए फिर मैं अपने एक मित्र के घर गया और मैंने अपनी परेशानी उसे बताई और उसने 1 सेकेण्ड में मेरी परेशानी सॉल्व कर दी। दरअसल प्रॉब्लम बहुत छोटी सी थी लेकिन उसका हलमेरे दिमाग में नहीं आ रहा था। दोस्तों कई बार परेशानी आने पर हमारा दिमाग सही से काम नहीं कर पाता, तो आप अपने किसी करीबी मित्र या परिवार के लोगों से समस्या शेयर कीजिये। क्या पता आपकी परेशानी भी बहुत छोटी हो जिसका हल आपके दिमाग में नहीं आ रहा हो।तो दोस्तों कठिनाइयाँ देखकर परेशान ना होइए बल्कि अपनी पूरी क्षमता के साथ कठिनाइयों को हल करिये। यकीन मानिये, हरकठिनाई से आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा।=================================
दोस्तों ऐसे ही बहुत सारी प्रेणनादायक बातें एवम कहानियाँ पढ़ने के लिये आप मेरे ब्लॉग को देख सकते हैं...🙏🙏🙏

www.aapkapariwaar.blogspot.com

आपका अपना..अजय पाण्डेय 😊😎

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