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Friday 22 April 2016

अगर ये लॉजिक है , तो....... दिमाग की घंटी बज जाएंगी

अगर ये लॉजिक है ,
तो.......
दिमाग की घंटी बज जाएंगी ..😣😣😣😶

किसी भी सरकारी विभाग की Vacancy निकलती हैं तो उसकी फार्म फीस 500-700 होती ही हैं.
सरकार विद्यार्थीयों से पैसा कमाना चाहती हैं या उन्हें रोजगार देना ??? अभी तक पता नहीं चला है ।

उदाहरण के लिए:-
पोस्ट होती हैं 50 (Seat)
फॉर्म पूरे भारत से भरवाते हैं ।
फॉर्म फीस होती हैं 500 रु ,
50 लाख से 80 लाख विद्यार्थी फॉर्म भरते हैं

आइये सरकार का फायदा देखते हैं
500 रु फॉर्म फीस × 50,00,000 विद्यार्थीयों ने फॉर्म भरें =
(कुल आय फॉर्म फीस से) 2 अरब 50 करोड़ रु

नौकरी देनी हैं 50 को
सैलेरी 25000 रु प्रति माह मान लेते ,  ज्यादा मानी गयी हैं इतनी होती नहीं हैं
25000 × 50 लोग = 12,50,000 महीना
12,50,000 × 12 महीने = 1 करोड़ 50 लाख

चालीस साल की नौकरी करने पर
1,50,00,000 × 40 साल 60 करोड़

सरकार की फॉर्म फीस कुल आय =
2 अरब 50 करोड़ रूपए
(-) अप्पोइंटेड लोगों की 40 साल तक की सैलेरी
60 करोड़ रु

2,50,00,00,000 - 60,00,00,000 = 1,90,00,00,000

सरकार की कुल आय = 1 अरब 90 करोड़ रु

मेरा सवाल - सरकार व विभाग से यह हैं कि आप विद्यार्थीयों को नौकरी देना चाहते हैं या
पैसा कमाना चाहते हैं ???

इस संदेश को अपने जान पहचान के लोगों को अवश्य बांटे...।👌🏻👌🏻👌🏻

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