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Wednesday 3 February 2016

सफलता


काम को टालें नहीं। .... 
कार्य टालने की आदत आपको असफलता की राह पर ले जाती है। किसी कार्य को करने के लिए अगर किसी से विचार-विमर्श करना जरूरी है और इस कारण से देर हो रही है, तब तो ठीक है अन्यथा उसे समय पर पूरा करने की आदत डालें। एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर पोस्ट पर कार्य करने वाली किरण शर्मा कहती हैं कि अगर किसी काम को करने में आपको दिक्कत महसूस हो रही है तो अपने साथियों या सीनियर्स से इस संदर्भ में बात जरूर कर लें, लेकिन कार्य को टालने की आदत न डालें।

व्यवस्थित तरीका। ..... 
यह दुनिया दो प्रकार के लोगों की है। एक वे जो हर कार्य को पहले से सोच-समझकर और नियोजित तरीके से पूरा करते हैं। दूसरे वे जो अपने कार्य को पूरा करने के लिए किसी प्रकार की योजना नहीं बनाते हैं और बिना किसी सोच-विचार के ही अपने काम को अंजाम देने में लग जाते हैं। ऐसे लोगों की जिंदगी हमेशा अव्यवस्थित रहती है। इसलिए कोई भी काम करने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से सोच-विचार कर लें। साथ ही सभी कार्र्यों को किसी डायरी या प्लानर पर नोट अवश्य कर लें। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कोई भी काम छूटेगा नहीं। यही नहीं आपके सारे काम बहुत आराम से और सही ढंग से पूरे हो सकेंगे।

सलाह लें। .... 
किसी कार्य को करने के संदर्भ में अपने सहयोगियों या सीनियर्स से सलाह लेने में अगर आप संकोच करती हैं तो आपका यह रवैया ठीक नहीं कहलाएगा। अगर किसी कार्य के संदर्भ में आपको कोई बात समझ नहीं आ रही है या आपके मन में दुविधा उत्पन्न हो रही है तो बेहतर यही होगा कि आप अपने साथियों से सलाह मशविरा कर सकती हैं। हालांकि इस संदर्भ में यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि सलाह हमेशा ऐसे लोगों से लें जो सही सलाह देते हों। नकारात्मक विचारों वाले लोगों से सलाह लेने से बचें।

किसी को दोष न दें...... समय का दुरुपयोग करना या अपने काम में रुचि न लेना असफलता की राह पर ले जाने वाले कारक हैं। असफल लोगों की यह खास आदत होती है कि वे अपनी असफलता का दोष हमेशा दूसरों पर मढऩे लगते हैं। कॅरियर काउंसलर्स का कहना है कि किसी भी कार्य में गलती होने या असफल होने पर उसका दोषारोपण दूसरों पर करना ठीक नहीं होता है। कारण, किसी न किसी दिन आपकी पोल खुल ही जाएगी, तब आपके पास किसी भी प्रकार का कोई बहाना नहीं होगा। इसलिए अगर किसी कार्य को पूरा करने में आपसे कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है।

सकारात्मक सोच...... 
अगर आप हमेशा नकारात्मक सोचती रहती हैं तो अपनी सोच की दिशा बदलें और हर चीज के बारे में सकारात्मक सोचें। अपने हर दिन की शुरुआत इस सोच के साथ करें कि मुझे अपने कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी और मैं अपने लिए निर्धारित कार्र्यों को ईमानदारी से पूरा करूंगी। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि सकारात्मक सोच रखने से आपकी जिंदगी खुशहाल रहती है और आप हमेशा हर हाल में खुश रह सकती हैं। यही नहीं सकारात्मक सोच का असर यह होता है कि विपरीत स्थितियों में भी आप सही निर्णय ले पाती हैं।

काम की शुरुवात छोटे रूप में करें :
सबसे पहले एक मार्ग का चयन करे और उस पर पूरी तरह फोकस करें | आपने सुना ही होगा कि चार नाव पर पैर रखकर चलने से किनारा नहीं मिलता, इसलिए एक छोटे बिंदु अर्थात एक छोटा टारगेट बना कर काम करे | जैसे सॉफ्टवेयर इंजिनियर छोटे-छोटे मोड्यूल पर काम करते हैं उसी प्रकार अपने काम को भी छोटे से शुरू करे ताकि अगर आप असफल भी हो तो आपके पास उठने की हिम्मत हो |और छोटे रूप में करने से ही आपको पता चलता ही आपके काम के लिए क्या बेहतर हैं और क्या नुकसानदायक | अगर शुरू से बड़े रूप में काम करेंगे तो सही और गलत नहीं समझ पायेंगे |
परिणाम को ध्यान में रखकर काम करें :
किसी भी काम को करने से पहले उसके परिणाम को सोच ले उसके अनुसार काम करें | यह सही हैं कि कर्म करे, फल की चिंता ना करें लेकिन यह हर तरफ लागु नहीं होता | अगर आप बिना परिणाम को जाने बस काम करेंगे तो आपकी दिशा भटकेगी | आप यह कर सकते हैं कि जितने अच्छे परिणाम की उम्मीद हैं आपको उससे थोड़ा कम का टारगेट सेट करें |
प्लानिंग करें :
प्लानिंग करना बहुत जरुरी हैं | सबसे पहले समय सरणी बनाये | कब कितना समय आप दे सकते हैं और कब कौनसा काम आप करेंगे |उससे आपके काम एक दुसरे के आड़े नहीं आयेंगे और आप सभी चीजो के साथ न्याय कर पायेंगे | साथ ही अपने टारगेट को भी उसमे अंकित करें और उसी के हिसाब से प्लानिंग करें |अगर टीम में काम कर रहे हैं तो सभी के समय, टारगेट और काम पहले से तय करे और समय- समय पर उसका अवलोकन करे और टीम मेम्बर को उसके हिसाब से उत्साहित भी करे और गड़बड़ी मिलने पर डाटें भी |
गिरने से ना डरे,गिरकर उठना सीखे :
अगर कोई काम करने निकले हैं तो उसके फायदे होंगे वो तो ठीक हैं पर नुकसान तो होंगे ही यह याद रखे | किसी भी काम को सिखने के लिए अच्छे बुरे सभी ज्ञान आपके काम को और अधिक मजबूत बनाते हैं इसलिए गलती करने एवम नुकसान भुगतने को हमेशा तैयार रहे |गिरकर संभालना ही ऊंचाई चढने के काम आता हैं |अगर आप पढ़ने के शौक़ीन हैं तो आपने अगर किसी भी महापुरुष के जीवन के बारे में पढ़ा होगा तो यही पाया होगा कि वे भी कई बार गिरकर उठे हैं तब ही इस मुकाम पर पहुँचे हैं |
हर बात नोट करें :
अपने द्वारा किये गये कामो का लेखा जोखा तैयार करे यह काम बोरिंग लगता हैं कभी – कभी टाइमवेस्टिंग भी लगता हैं लेकिन यह बहुत जरुरी हैं | इससे आपके द्वारा किये गये कामो की एक लिस्ट तैयार होती हैं जिससे भविष्य में आपको अगर आपका काम किसी को हैण्डओवर करना हो तो उसे सिखाने में आसानी होती हैं | नोट्स के कारण आपको अपनी गलतियाँ भी समझ आती हैं आप आसानी से खुद को एक्सामिन कर सकते हैं |और आपको किस काम के कारण एक बेहतर रिजल्ट मिला वो भी आपको समझ आता हैं साथ ही कब क्या किया वो याद नहीं रखना पड़ता | इसलिए पहले दिन से किये गये कामो की लिस्ट बनाये |
गलती का स्वीकार करें :
अगर आपसे कोई गलती हुई हैं तो उसको माने दूसरों पर ना डाले क्यूंकि गलती का स्वीकार करने से ही आप उसमे सुधार कर पायेंगे और उसे भविष्य में नहीं दौहरायेंगे |साथ ही इससे आपको भी सही गलत ज्यादा अच्छे से पता चलेगा | अगर गलती नहीं मानेंगे तो उसका हल ठीक से नहीं निकाल पायेंगे और मन पर बोझ बना रहेगा |सबसे बड़ी बात आप एक इंसान हैं और इंसानों से गलती होती रहती हैं अपने आपको भगवान ना समझे इसलिए सहजता से गलती का स्वीकार करें और उसे दुहराने से बचे जिसके लिए आपको वो लिस्ट काम आएगी जो आपने पहले बनाई हैं अपनी गलती को उस लिस्ट में लाल कलर से डाले ताकि आपको वो बताती रहे कि वो आपको वापस नहीं करना हैं |
टीम के साथ काम करने पर ध्यान रखे :
अगर आप टीम में काम कर रहे हैं तो हमेशा अपने काम का हिस्सा सबको बनाये | मेरा बिज़नेस ऐसा ना कहकर हमारा बिज़नेस ऐसा कहे ऐसे में लोग आपसे नीचे हैं उन्हें अच्छा लगता हैं और वो अपना समझकर जिम्मेदारी से काम करते हैं | टीम में काम करते वक़्त ध्यान रखे कम्युनिकेशन गेप ना हो, एक पारदर्शिता बनी रहे इससे टीम वर्क आसानी से पूरा होता हैं और गलतफहमी कम होती हैं साथ आईडिया शेयर होते हैं जिससे काम बेहतर होता हैं और सबसे बड़ी बात इससे आपको को बोरियत का अनुभव नहीं होता | अगर आप टीम लीडर हैं तो आपको अपने सभी मेम्बर को समय-समय पर डांटने के साथ उनका उत्साह बढ़ाने का काम भी करना होगा |दूसरा उनके काम पर नजर रखे लेकिन उन्हें स्वतंत्र भी छोड़ना होगा अगर आप उन्हें ऊँगली पकड़ कर चलना सिखायेंगे तो आप उनके नॉलेज को कभी जान नहीं पायेंगे और उनको खुद पर डिपेंडेंट बनायेंगे |अपने टीम मेम्बेर्स को हर स्थिती का ब्यौरा दे जिससे वो काम को ठीक से समझ पाए और अपना समझे साथ ही अपने नजरिये आपसे बाँटे |इससे आपके काम को नयी सोच भी मिल सकती हैं जो आपकी सफलता का एक बड़ा कारण हो सकती हैं |
सफलता के क्षणों को सेलिब्रेट करे :
अपनी छोटी- छोटी सफलताओं को सेलिब्रेट करें और उसका क्रेडिट सबमे बाटें | इससे आपमें और टीम के सभी लोगो में उत्साह आता हैं | और काम करने का जस्बा बढ़ता हैं |लेकिन सफलता में इतने ना खो जाए कि आप काम करना ही बंद कर से कॉन्फिडेंस को ओवर कॉन्फिडेंस में ना बदलने दे |सफलताओं का सेलिब्रेशन करके उससे अपने अगले स्टेप की पहली सीडी ही माने और फिर जोश से काम में लग जायें |
मुश्किल में सैयम रखे :
अगर किसी कारण से असफलता मिली हैं तो हिम्मत रखे और साथियों को हिम्मत से आगे बढ़ने का जोश दे | असफलता ही सफलता की निशानी हैं अपनी असफलता से सीखे और उसका अवलोकन करे कारण को ढूंढे और उसे साइड में रखकर आगे बढे |
जल्दबाजी ना करे
काम में आई कोई भी मुसीबत या खुशखबरी से हतोत्साहित या उत्साहित होकर जल्द बाजी में निर्णय ना ले | जल्दी में लिए निर्णय कभी कारगर साबित नहीं होते |अगर टीम के किसी सदस्य से कोई गलती हुई हैं तो उसे मौका जरुर दे | ऐसे मामलो में कभी जल्दबाजी ना करे |
सफल व्यक्ति को आदर्श माने :
आप जिस भी व्यक्ति से प्रेरित हैं उनको अपने जीवन में फॉलो जरुर करे | इससे आपको सही दिशा मिलेगी साथ ही उनके अनुभव से आपके काम को सफलता मिलेगी | जरुरी नहीं आदर्श कोई बाहर का ही हो कभी कभी कोई दोस्त, रिश्तेदार या पडौसी भी ऐसा काम कर जाते हैं कि हमारा दिल उन्हें आदर्श मानने लगता हैं |
सीखने की ललक हमेशा रखे :
जिस व्यक्ति में ता उम्र सिखने की चाह होती हैं सफलता उसके कदमो को छूती हैं | कोई छोटा हो या बड़ा कई बार वो सिखा देता हैं जिसकी कल्पना हम जीवन में नहीं कर पाते | सीखने की चाह ही कुछ करने में सहायक होती हैं सिखने वाला मनुष्य ही आज के वक्त के साथ कदम बढ़ा सकता हैं |
जमीनी हकीकत याद रखे :
सफलता मिलते हैं अहंकार आप पर कब्जा करने को रहता हैं उसे कभी जितने ना दे क्यूंकि अगर आप अहंकार से हार गये तो आपको मिली सफलता बस क्षण भर की ही हैं | अहंकार आपके सारे संस्कार को खत्म कर देगा और आपको भान भी ना होगा कि आप कब बहुत ऊंचाई से नीचे आ गिरे हैं |
यहाँ  में सभी वे पॉइंट्स हैं जो मुझे अपने बॉस से सिखने को मिले | उन्होंने हमेशा मुझे सिखाया हैं उनकी सीख ने मुझे अपने आप पर विश्वास करना सिखाया हैं और आज मैं अपने इस ब्लॉग में आप सभी से हमारे व्यूज बाट रही हूँ ताकि आप भी जान सके की सफलता का मार्ग कैसे धीरे-धीरे बनता है  |
सफलता एक दिन में नहीं मिलती कई बार कर्म एक पीढ़ी करती हैं और सफलता दूसरी पीढी को मिलती हैं जैसे धीरूभाई अम्बानी | हम यह नहीं कहते की उनके बेटो ने कुछ नहीं किया उन्होंने चार चाँद लगाया हैं अपने पिता के नाम को पर नीचे से उपर तक का मार्ग धीरूभाई ने बनाया और उनकी उस मेहनत का फल उनके परिवार को मिला |
सफलता के रास्ते में रूकावटे आती है जो आपके जस्बे का इम्तिहान लेती हैं जैसे हमसे अमिताभ बच्चन जी को देखा | जीवन के कुछ पल उनके बहुत कठिन बीते | इंडस्ट्री में आने के लिए और उस वक्त जब कम्पटीशन आज जितना नहीं था तब भी एक महान कवी के बेटे को बहुत कड़े दौर से होकर गुजरना पड़ा | एक साथ नौ फ्लॉप देने के बाद उन्होंने एक हिट मूवी डी जिसके बाद उनका ग्राफ बढ़ता ही गया लेकिन ऐसा नहीं कि उसके बाद उन्होंने संघर्ष नहीं देखा | उसके बाद भी उनके जीवन में अँधेरे ने राज करने की सोची लेकिन उन्होंने हिम्मत रखी और अपने आपको सदी का महानायक बनाया और बिग बी का ख़िताब चाहने वालो से पाया | अमिताभ जी का जीवन भी हमें सफलता का सही मार्ग प्रशस्त करता हैं | इसी तरह हमें अपने आदर्शो के अनुभव को अपनी ढाल बनाना चाहिये |

धन्यवाद 
अजय पाण्डेय 

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