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Monday 22 February 2016

क्या आपको कुछ अलग करना है?

क्या आपको कुछ अलग करना है?



दोस्तों।
सपने देखना किसे अच्छा नही लगता ? सब अपने सुनहरे भविष्य के सपने देखते है। सब चाहते है की उसका भी नाम पूरी दुनिया लेवें। पर आप अपने आप से पूछिये कि क्या आप अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे है ? क्या आप अपने काम में लगन से जुटे हुए है? क्या आप भी दुनिया की भीड़ से अलग दिखने के लिए वो काम कर रहे है जो आपको दुनिया की भीड़ से अलग करे ? क्या आप वो कर रहे है जिसका आपने सपना देखा था जो आपको बुलंदियों तक ले जाये ?  बहुत कम लोग होंगे जिनका जबाब हाँ होगा। सपने देखना कोई बड़ी बात नही है, बड़ी बात है उसको पूरा कर दिखाना।
कबीर दास जी का एक बहुत ही फेमस दोहा जो तकरीबन सभी को याद है-

।। काल करे सो आज कर, आज करे सो अब
पल में परले होएगी, बहुरि करे गो कब ।।
 परन्तु कोई इस दोहे पर अमल नही करता।
   
           दोस्तों प्राचीन काल से ही सपनो को पूरा कर पाने की, कुछ अलग कर दिखाने की प्रेरणा हमे मिलती आ रही है। परन्तु वो मनुष्य के हाथ में है की वो उन बातो का किस तरह से उपयोग करता है। मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि Impossible शब्द का निर्माण क्या यू ही हुआ है बिना किसी सोच विचार  के। मेरे ख्याल से नही दोस्तों। क्योकि ये शब्द बनाया ही इसी प्रकार से है की हमे शक्ति मिल सके, प्रेरणा मिल सके कुछ अलग करने की, कुछ सम्भव करने की ।

Impossible -> i m possible
आपने ये तो सुना ही होगा।
लेकिन दोस्तों क्या आपने सोचा है  कभी की

College  ->  Non-college
Activate ->  de-activate

की तरह possible को Non-possible या de-possible क्यों नही कहा गया। क्योकि जेसे की मेने पहले ही आपको बताया है ताकी हमे इससे प्रेरणा मिल सके । हमारे अंदर positive think आ सके। ताकि हम वो भी कर सके जो असम्भव हो।
समय का Importance :- समय क्या है? समय वो है जो किसी के लिए नही रुकता। समय भी अपना काम समय पर करता है अर्थात जो सुई 12 बजे जिस समय पर आनी है वो उसी समय आएगी जब उसका वहा आने का समय होगा। समय न ज्यादा जल्दी वहा पहुचेगा न ज्यादा लेट। मेरे कहने का अर्थ यह है की यदि कार्य को समय पर पूरा किया जाये तो वो दिन दूर नही होगा जिस दिन हमारा सपना पूरा होने वाला होगा।
  सपने वो पुरे नही होते जिन्हें हम सो कर देखते है
सपने तो वो होते है जिनके लिए आप सोना छोड़ देते है।

दोस्तों आपको ये पोस्ट कैसी लगी। कृपया हमे जरूर बताये।


आपका अपना दोस्त 
अजय पाण्डेय 

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