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Sunday 21 February 2016

दो काम ......

नया शब्द



 फ्योदोर दोस्तवोस्की :- फ्योदोर दोस्तवोस्की रुसी भाषा के एक महान साहित्यकार थे। कहानीकार, उपन्यासकार और निबंध लेखक भी थे। इनका जन्म 11नवम्बर 1821 को मॉस्को में हुआ था। उन्हें किसी वक़्त मृत्यु दण्ड मिला था, लेकिन अंत समय आते-आते उसे माफ कर दिया गया था।

* दो काम करने से लोग सबसे ज्यादा घबराते है। पहला, नया कदम बढ़ाना। दूसरा, नया शब्द बोलना।
* अगर भगवान न हो तो कभी, किसी चीज़ पर कोई पाबंदी न रहे।
* एक लक्ष्य हासिल करना, दूसरे लक्ष्य की ओर बढ़ने की तरह है।
* खुद से झूठ बोलना, दुसरो से झूठ बोलने से भी ज्यादा खतरनाक है।
* इंसान को अपनी मुश्किलें गिनना ही आती है, वह कभी खुशियो की गिनती नही करता।
* खुशियों में कोई खुशी नही छिपी होती, खुशियां हासिल करने से असली खुशी मिलती है।
* उदासी क्यों होती है? यह जानना ही सबसे बड़ी ख़ुशी है।
* अगर आपका उद्देश्य अच्छा है तो छोटी-छोटी गलतियों से कभी कोई नुकसान नही होगा।
* आत्मा को सुकून पहुंचाने के लिए बच्चों के साथ जीवन गुजारिये।
* किसी उम्मीद या आस के बिना जीवन बिताना मरने के बराबर है।
* आप अपने जीवन को सही तरीके से जी रहे है तो आपके पास कई कहानियां होंगी सुनाने के लिए।
* समझदारी से काम करने के लिए समझदार होने के अलावा कई दूसरी चीज़े भी जरूरी है।
* प्यार का मतलब ही पीड़ा  है। इसके बिना प्यार मुमकिन नही है।
* कोई भी विषय इतना पुराना नही होता कि उस पर कुछ नया न कहा जा सके।
* आपके पास कोई अर्थपूर्ण काम नही है तो जीवन जीने का कोई मतलब भी नही है।
* खूबसूरती से ही दुनिया को बचाया जा सकता है। चाहे कोई खूबसूरत विचार हो या फिर सुन्दर इंसान।
* सबसे चालाक व्यक्ति वह है जो माह में एक बार खुद को बेवखूफ कहता है।
* ताकत हमेशा उसी व्यक्ति को दी जाती है जिसके पास झुककर उसे हासिल करने का साहस हो।



धन्यवाद मित्रों 
अजय पाण्डेय 

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