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Sunday 28 February 2016

जिन्दगी का एक सच -

जिन्दगी का एक सच -

नमस्कार दोस्तों,
                         आज मैं आप लोगो को जिन्दगी के एक ऐसे सच के बारे में बताने रहा हूँ जो लगभग हम सभी के जिन्दगी से सम्बन्ध रखती है. हम अपनी जिन्दगी के कुछ अहम पहलु को खोते जा रहे हैं, हर कोई सिर्फ भौतिक साधन जुटाने में लगा हुआ है. और अपनी इस महत्वपूर्ण जिन्दगी को यूँ ही व्यर्थ कर रहे हैं. हम भूल जाते हैं कि हमारे पास एक सुन्दर परिवार है.

आज सवेरे,सवेरे, अख़बारमे
शोक समाचार के कालम मे,

अपनी फ़ोटो को देखँ हैरान था,
आश्चर्य,,क्या मैं मर गया हू,?

या किसी मसखरे का शिकार हो गया हू,
रुको,,थोड़ा सोचता हू,

पिछली रात ही तो
मेरे सीने में भारी दर्द उठा था,

और मैं पसीने से तरबतर हो गया था
फिर मुझे कुछ याद नही,

मैं शायद गहरी नींद में सो गया था,
और अब सुबह के ८ बज चुके है,

बिना काफ़ी मेरी आँख नहीं खुलती,
आज आफ़िस में फिर लेट होने वाला हू,

चिढचिढे बास का फिर भाषण सुनने वाला हू
पर ये क्या? क्यूँ मेरे घर मे भीड़ हो रही है,

सारी भीड़ क्यूँ रो रही है,
यहाँ बरामदे मे क्यूँ हाहाकार मचा पड़ा है

मेरा शरीर सफ़ेद कपड़ों में लिपटा,ज़मीन पर क्यूँ पड़ा है
मैं यहाँ हूँ, मैं चिल्लाता हू,

कोई इधर देखो,सुनो, मैं यहाँ हू
न कोई ध्यान देता है ,न कोई सुन पाता है,

हर कोई कातर नज़र से बस मेरे शरीर को निहारता है,
मैं अपने कमरे में वापस आ जाता हू,

बाहर कोहराम मचा है,
ये,क्या मेरी बीबी रो रही है,

बहुत दुखी और उजडी सी दिख रही है
मेरे बेटे को शायद नही कुछ एहसास है,

वह केवल इसलिये रो रहा है कि,
क्यूँकि उसकी माँ बदहवास है,

लगता है मैं मर गया हू,
मैं कैसे मर सकता हू,अपने बेटे से कहे बेगैर,

कि मैं उसे सच बहुत प्यार करता हू,
मैं उसका बेहद ख़्याल रखता हू,

मैं कैसे मर सकता हू अपनी बीबी से कहे बग़ैर,
कि वह दूनिया की सबसे ख़ूबसूरत

और ख़्याल रखने वाली बीबी है
कैसे मर सकता हू माँ ,बाप से कहे बग़ैर,

कि वे है तो ही ,मैं हू,
कैसे मर सकता हू अपने दोस्तों से कहे बग़ैर कि,

वे मेरे जीवन के सारे ग़लत फ़ैसलों पर भी वे मेरे साथ थे,
पर मैं ही अधिकान्शत: मैं वहाँ स्वयं नहीं पहुँच पाया था ,

जब उन्हें मेरी सबसे ज़्यादा ज़रूरत का वास्ता था
और वे ज़्यादा ज़रूरतमन्द थे

मैं एक बन्दे को देख रहा हू,
जो कोने में खड़ा आँसू छिपाने की कोशिश कर रहा है,

कभी हम अतिप्रिय अभिन्न मित्र थे,
छोटी सी ग़लतफ़हमी ने हमें जुदा कर दिया,

उन दिनों हम ईगो की पराकाष्ठा में थे,
हमने कभी एकदुसरे को माफ़ नहीं किया

मैं उसके पास जाता हू
अपने दोनो हाथों को आगे बढ़ाता हू

दोस्त मैं अपनी ग़लतियों के लिये क्षमा माँगता हू
हम आज भी अच्छे दोस्त है,

मुझे माफँ कर दो,
ये क्या उसके तरफ़ से कोई रिसपान्स ही नहीं मिलता,

क्या वह आज भी उसी ईगो में है,
मैं जबकि माफ़ी माँग रहा हू,

फिर भी,उसका मिज़ाज नहीं मिलता
पर वह निरन्तर रोता जा रहा है,

पर एक सेकेण्ड,
शायद वह मुझे और मेरे हाथ को नहीं देख पा रहा है,

तो क्या मैं सच में मर गया हू?
ज़मीन पर लेटे मैं अपने शरीर के पास बैठँ जाता हू,

क्या करूँ कैसे करु किसे पुकारू कुछ समझ नहीं पाता हू
दिल करता है कि मैं फूट,फूट के रोऊँ.

एकदम से हुई इस अनहोनी पर कहा अपना सिर धुनु और फोड़ू,,
हे भगवान ,मुझे कुछ समय और दो,

मैं अपने बेटे,बीबी,माँ बाप दोस्तों को
बताना चाहता हू कि मैं उनसे कितना प्यार करता हू

मेरी बीबी कमरे में आती है,
तुम बहुत सुन्दर हो मैं प्यार से बार,बार दोहराता हू

वह मेरे शब्दों को नहीं सुन पाती है
सच ये है कि जीवन मे उसने ये शब्द

मेरे मुँह से कभी सुनें ही नही,
हा,मैंने कभी कहा भी तो नही,

हे भगवान
मुझे थोड़े दिन और दे केवल एक बार

क्यूँकि,,,
मैं अपने बेटे को अपने सीने से लगाना चाहता हू

अपनी माँ को मुस्कुराते देखना चाहता हू,
अपने पिता को अपने ऊपर गर्व करवाना चाहता हू,

केवल एक बार बस एक बार अपने दोस्तों को साँरी कहना चाहता हू,
मैं तो उन्हें कभी समय नहीं दे पाया, पर आज भी वे मेरे साथ है,

इसका धन्यवाद देना चाहता हू,
मैंने ऊपर देखा

मैं चिल्लाया
भगवान ,,

केवल एक मौक़ा और,,,,,,,,,,,,,,,,,

तुम सपने में चिल्ला रहे हो,
उठो,क्या तुमने कोई बुरा सपना देखा,

मेरी बीबी ने मुझे थपथपाया,
मेरा बेटा मेरी बग़ल में था,

मेरी बीबी वही थी,वह मुझे सुन सकती थी मैंने लम्बी साँस ली ,
उसे गले लगायाऔर कहा,

तुम मेरा ख़याल रखने वाली,दुनिया की सबसे हसीन बीबी हो,
मैं सच तुमसे बहुत प्यार करता हू

उसकी आँखों की नमी और चेहरे पे आई प्यारी मुस्कान
इस मोहक मुस्कान को मैं ही समझ सकता था,

भगवान ,,इस दुसरे मौक़े के लिये धन्यवाद ,

मैंने मन ही मन दोहराया।

मित्रों! अभी भी देर नहीं हुई है। अपने झूठे Ego, अतीत के पुराने विवाद और मतभेदों को भुलाकर अपने प्रियजनों और मित्रों से खुलकर अपने प्यार को जतायें और झगड़े और मनमुटाव को भुलाकर नईं शुरुआत करें

क्योंकि ज़िन्दगी में दूसरा अवसर नहीं मिलता है.

खुश रहें और सभी को भी खुश रखें.

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