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Friday 2 September 2016

सबसे बड़ी ताकत

जापान  के  एक  छोटे  से  शहर  में  रहने  वाले  एक  छोटे  से  लड़के  को  जूडो़  सीखने  का  बहुत  शौक  था ।  लेकिन बचपन  में  एक  कार  दुर्घटना  में  उसका  बायां  हाथ  कट  जाने  के  कारण  उसके  मां-बाप  उसे  जुड़ो  सीखने  के  लिए  नहीं  भेजते  थे,  लेकिन  जैसे - जैसे  वह  बड़ा  होता  जा  रहा  था । उसकी  जिद्द  भी  बढ़ती  जा  रही  थी,  आखिरी  में  उसके  मां-बाप  को  उसकी  जिद्द  के  सामने  झुकना  पड़ा ।

वह  लड़का  जापान  के  सबसे  मशहूर  मार्शल  आर्ट  मास्टर  के  पास  जूड़ो  सीखने  गया , मास्टर  ने  जब  लड़के  को देखा  तो  उन्हें  आश्चर्य  हुआ  कि  बिना  हाथ  के  लड़का  जूडो़  कैसे  सीखना  चाहता  है । उन्होंने  पूछा  तुम्हारा  तो बायां  हाथ  ही  नहीं  है । तुम  बाकी  लड़कों  का  सामना  कैसे  करोगे ।
लड़के  ने  कहा -  " मैं  तो  बस  इतना  जानता  हूं , कि  मुझे  एक  दिन  सब  को  हराना  है  और  " सेंसेई " ( मास्टर ) बनना  है ।"  मास्टर  उसकी  सीखने  की  दृढ़ इच्छा  शक्ति  से  काफी  प्रभावित  हुए  और  बोले  कि  ठीक  है । मास्टर  ने एक  साथ  50  छात्रों  को  जूडो़  सिखाना  शुरू  कर  दिया ।

लड़का  भी  अपने  अन्य  लड़कों  की  तरह जूडो़  सीख  रहा  था   पर  कुछ  दिनों  बाद  उसने  ध्यान  दिया  कि  मास्टर   अन्य  लड़कों  को  अलग-अलग  तरीके  के  दाव - पेंच  सिखा  रहे  हैं । लेकिन  वह  अभी  भी  एक  ही ( दाव )  किक  का  अभ्यास  कर  रहा  है।  उसने  मास्टर  से  कहा - " मास्टर  आप  अन्य  लड़कों  को  नई-नई  तकनीकी  सिखा  रहे  हैं  पर  मैं  अभी  भी  बस  वही  एक  किक  मारने  का  अभ्यास  कर  रहा  हूं । क्या  मुझे  कोई  अन्य  चीजें  नहीं  सीखना चाहिए ।"  मास्टर  ने  कहा -  " तुम्हें   अभी  सिर्फ  एक  किक  का  ही  अभ्यास  करना  है ।"

लड़के  ने  सोचा  शायद  मेरा  एक  हाथ  नहीं  है। इसलिए  मास्टर  ऐसा  कह  रहे  हैं लेकिन  वह  एक  ही  किक  का अभ्यास  करता  रहा , करते-करते  6 महीने  का  समय  बीत  गया  और  वह  लड़का  उसी  किक  का  अभ्यास  करता रहा । एक  बार  फिर  लड़के  को  चिंता  होने  लगी  और  उसने  मास्टर  से  कहा  क्या  अब  भी  मैं  बस  यही  करता रहूंगा  और  बाकी  सभी  लड़के  नई-नई  तकनीकों  को  सीखते  रहेंगे ।

मास्टर  ने  कहा - अगर  तुम्हें  मुझ  पर  भरोसा  है  तो  अभ्यास  जारी  रखो। लड़के  ने  मास्टर  की  आज्ञा  का  पालन करते  हुए , बिना  किसी  और  प्रश्न  किए  हुए  किक  का  अभ्यास  जारी  रखा । 6 साल  तक  वह  उसी  किक  का अभ्यास  करता  रहा । सभी  को  जुड़ो  सीखते  हुए  6  साल  हो  चुके  थे  , तब  मास्टर  ने  सभी  शिष्यों  को  एक  साथ बुलाया  और  कहा  कि  मुझे  आपको  जो  ज्ञान  देना  था , वह  मैं  दे  चुका  हूं ।

अब  गुरुकुल  की  परंपरा  के  अनुसार  सबसे  अच्छे  शिष्य  का  चुनाव  एक  प्रतियोगिता  के  माध्यम  से  किया  जाएगा  और  जो  वह  प्रतियोगिता  को  जीतेगा  उस  शिष्य  को  " सेंसेई " ( मास्टर ) कि  उपाधि  से  सम्मानित  किया जाएगा । प्रतियोगिता  शुरु  हुई  और  मास्टर  ने  लड़के  को  उसके  पहले  मैच  में  हिस्सा  लेने  के  लिए  आवाज  दि  लड़के  ने  लड़ना  शुरू  किया  और  सबको  आश्चर्यचकित  करते  हुए  उसने  अपने  पहले  तीनों  मैच  बड़ी  आसानी  से  जीत  लिए । चौथा  मैच थोड़ा  कठिन  था  लेकिन  विरोधी  ने  कुछ  समय  के  लिए  अपना  ध्यान  हटा  दिया । लड़के  को  बस  एक  ही  मौके  की  तलाश  थी , उसने  अपनी  एक  ही  अचूक  किक  को  विरोधी  के  ऊपर  लगा  दी |

लड़का  अपनी  सफलता  से  आश्चर्यचकित  हो  गया  क्योंकि , वह  फाइनल  में  अपनी  जगह  बना  चुका  था।  फाइनल में  इस  बार  विरोधी  कहीं  अधिक  ताकतवर , अनुभवी  और  विशाल  था । विरोधी  को  देख  कर  लग  रहा  था , कि लड़का  उसके  सामने  एक   मिनट  भी  ठीक  नहीं  पाएगा । मैच  शुरु  हुआ,  तो  विरोधी  लड़के  के  ऊपर  भारी  पड़  रहा  था । रेफरी  ने  मैच  को  बीच  में  रोक  कर  विरोधी  को  विजेता  घोषित  करने  का  प्रस्ताव  रखा । लेकिन  तभी  मास्टर  ने  रेफरी  को  रोकते  हुए  कहा -  कि  नहीं  मैच  पूरा  चलेगा  मैच  फिर  शुरू  हुआ  और  विरोधी  आत्मविश्वास से  भरा  हुआ  था । और  अब  वह  लड़के  को  कम  आंकने  लगा  था  और  इसीलिए  उसने  एक  बड़ी  गलती  कर  दी  उसने  अपना  गार्ड ( कवच ) छोड़  दिया ।

लड़के  ने  इसका  फायदा  उठाते  हुए,  जिस  किक  का  उसने  6 साल  से  लगातार  प्रेक्टिस  की  थी। उसने  अपनी पूरी  ताकत  और  सटीकता  के  साथ  विरोधी  के  ऊपर  जड़  दि । उस  किक  में  इतनी  शक्ति  थी,  कि  विरोधी  वही बेहोश  हो  गया, मैच  जीतने  के  बाद  लड़का  मास्टर  के  पास  गया  और  बोला  सेंसेई  भला  मैं  इतनी  बड़ी प्रतियोगिता  सिर्फ  एक  किक  के  सहारे  कैसे  जीत  गया । बल्कि  सभी  विरोधियों  को  तो  बहुत  सारी  तकनीकी आती  थी ।

मास्टर  ने  कहा  पहला  तुमने  जूड़ो  में  सबसे  कठिन  किक  कि  इतनी  प्रेक्टिस  कर  ली  थी,  कि  शायद  ही  दुनिया  में  कोई  और  यह  किक  को  इतनी  कुशलता,  सटीकता  और  ताकत  से  मार  पाए ! और  दूसरा  यह  कि  इस  किक से  बचने  का  एक  ही  उपाय  है , कि  सामने  वाला  विरोधी  तुम्हारे  बाएँ  हाथ  को  पकड़कर  तुम्हें  जमीन  पर  गिरा  दें  और  सामने  वाला  विरोधी  तुम्हारे  बाएँ  हाथ  को  देखता  रह  जाता  था  वह  उसे  नहीं  मिलता  था । लड़का  समझ  चुका  था  कि  उसकी  सबसे  बड़ी  कमजोरी  ही  उसकी  सबसे  बड़ी  ताकत  बन  चुकी  थी ।

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