आप नही अकेले नहीं हैं। ......
दोस्तों , आपने देखा ही होगा की हमारे जीवन में ऐसा समय भी आता है की उस समय हम अपने आप को बहुत अकेला महसुस करते है। लेकिन असल में देखा जाये तो वो केवल एक नकारात्मक विचार ही होती है। मैं आपको एक कहानी बताना चाहूँगा कृपया इस कहानी को एक बार जरूर पढे.....
एक आदमी ईश्वर का बड़ा भक्त था। बड़े प्रेम भाव के साथ उनकी भक्ति करता। एक दिन ईश्वर से कहने लगा - मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ, पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नही हुई। मैं चाहता हूँ की आप भले ही साक्षात् दर्शन न दे, लेकिन कुछ ऐसा करे की मुझे आपके अपने साथ होने का अनुभव तो हो। ईश्वर ने कहा - ठीक है। तुम रोज सुबह समुन्द्र किनारे सैर पर जाते हो न। कल से रोज रेत पर तुम्हे तुम्हारे पेरो के अलावा दो पैरो के निशान और मिलेंगे। वे निशान मेरे होंगे। इस तरह तुम्हे रोज मेरी अनुभूति होगी। अब वह जब भी सैर पर जाता तो अपने पैरों के निशान के साथ दो और पैरों के निशान देख बहूत खुश होता। एक बार उसे व्यापार में बहुत घाटा हुआ, भारी नुकसान की वजह से सब कुछ बिक गया और वह सड़क पर आ गया। उसके सभी परिचितों ने उससे मुँह मोड़ लिया। कंगाल हो जाने के बाद जब वह सैर करने गया तो उसे रेत पर भी सिर्फ दो ही पैरों के निशान दिखे। उसे दुःख हुआ की ईश्वर भी साथ छोड़ गया। धीरे-धीरे उसकी आर्थिक हालत सुधरी तो लोग तो लौटे ही रेत पर दो निशान भी लौट आये। अब वह ईश्वर से नाराज होकर बोला- आपने भी मुसीबत में साथ छोड़ दिया था? रेत पर सिर्फ दो निशान होते थे। तब ईश्वर बोले- मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ? तब तुम इतना टूट गए थे की चलने लायक भी नही थे। मैंने तुम्हे अपनी गोद में ले लिया था। वे निशान मेरे ही पैरों के थे। अब तुम फिर समर्थ हो तो मैंने तुम्हे निचे उतार दिया है।
इसलिये मेरे दोस्तों , खुद को कभी अकेला ना माने, आप में खुदबख़ूद मुसीबत से उबरने की हिम्मत आ जायेगी।
मेरा यह लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद दोस्तों।
आपका दोस्त अजय पाण्डेय
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