magic

Wednesday 19 October 2016

फर्श से अर्श तक


अकसर कहा जाता है कि इंसान जब अपनी अंतर्आत्मा की आवाज़ सुनकर कुछ करने की ठान लेता है, तो एक दिन सफलता उसके कदम ज़रूर चूमती है. इस दुनिया में कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. यह बात जो भी समझ लेता है, वही सफल हो पाता है. अकसर हम काम को छोटे-बड़े के पैमाने से देखते हैं, मगर सफलता का मूल ही होता है- फर्श से अर्श तक का सफर. चलिए एक ऐसी ही प्रेरणादायी घटना के बारे में हम आपको बताते हैं....

एक समय की बात है दिल्ली में एक मशहूर समोसेवाला था. एक बड़ी कंपनी के गेट के ठीक सामने एक उसकी समोसे की मशहूर दुकान थी. उसके समोसे इतने टेस्टी हुआ करते थे कि कंपनी के बड़े-बड़े बाबू साहब भी लंच टाइम अकसर वहां आकर समोसे खाया करते थे. उनके समोसे की चर्चा चहुंओर फैली थी.

एक दिन कंपनी के मैनेजर समोसेवाले के पास आए. मैनेजर समोसा खाते-खाते समोसे वाले से मज़ाक करने लगे.
मैनेजर साहब ने उससे कहा, 'यार, अपनी दुकान को तुमने तो बहुत अच्छे से मेंटेन कर रखा है. लेकिन क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुम अपना समय और टैलेंट समोसे बेचकर बर्बाद कर रहे हो? सोचो, अगर तुम मेरी तरह इस कंपनी में काम कर रहे होते, तो आज कहां होते. हो सकता है शायद तुम भी मेरी तरह ही इस कंपनी के मैनेजर होते.'
इस बात पर उस गरीब समोसेवाले ने थोड़ी देर के लिए चुप्पी साध ली और मुस्कुराते हुए बड़ी खूबसूरती से कहा- 'सर, मुझे लगता है कि मेरा ये काम आपके काम से कहीं ज़्यादा बेहतर है. आप जानते हैं क्यों?'

जहां तक मुझे याद है आज से लगभग 10 साल पहले जब मैं यहीं बैठ कर एक टोकरी में समोसे बेचा करता था, तभी आपकी जॉब लगी थी. तब मैं महीने में मुश्किल से एक हज़ार रुपये कमाता था और उस वक़्त आपकी सैलरी 10 हज़ार थी.
इन 10 सालों में हम दोनों ने खूब मेहनत की और काफ़ी विकसित भी हुए. इन सालों में आप सुपरवाइजर से मैनेजर बन गये और मैं टोकरी वाले से इस इलाके का एक प्रसिद्ध समोसा वाला. आज आप महीने में एक लाख कमा लेते हैं और मैं भी आपके ही जितना कमा लेता हूं. कभी-कभी तो आपसे काफ़ी ज़्यादा ही कमा लेता हूं.
इसलिए मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि मेरा काम आपके काम से काफ़ी बेहतर है और सफल भी. मैं जो भी कर रहा हूं, वो सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए कर रहा हूं. अगर आप नहीं समझ पाये, तो अच्छे से समझ लीजिए...
अब मेरी बातों पर ध्यान दें. जरा सोचिए सर, मैंने तो बहुत कम कमाई पर धंधा शुरू किया था, मगर अब मेरे बेटे को यह सब नहीं झेलना पड़ेगा. मेरे बेटे को वो परेशानी अब नहीं झेलनी पड़ेगी, जो मैंने झेली. मेरी दुकान मेरे बेटे को मिलेगी. मैंने अपनी ज़िंदगी में जो मेहनत की है, उसका लाभ मेरे बच्चे उठाएंगे. उन्हें अब शून्य से शुरूआत करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. उसे पूरी तरह से बना-बनाया व्यवसाय मिलेगा. लेकिन आपके केस में आपके किये का लाभ आपके बच्चों को नहीं, बल्कि आपके बॉस के बच्चों को मिलेगा. आप अपनी इस कुर्सी को अपने बेटे-बेटी को नहीं सौंप सकते. उन्हें भी शून्य से ही अपने करियर की शुरूआत करनी पड़ेगी. जिस तरह से इस पद पर आने के लिए आपको 10 साल तक संघर्ष करना पड़ा, आपके बच्चों को भी ऐसे ही संघर्ष करने पड़ेंगे.

लेकिन मेरा बेटा इस समोसे के बिजनेस को यहां से और आगे ले जाएगा और अपने कार्यकाल में हम सबसे बहुत आगे निकल जाएगा. इसलिए अब आप ही बताइये कि आखिर किसका समय और टैलेंट बर्बाद हो रहा है?
इतना सुनने के बाद मैनेजर साहब ने समोसे वाले को 2 समोसे के 50 रुपये दिये और बिना कुछ बोले वहां से खिसक लिये.
इसलिए जो काम अंदर से आपको खुशी दे और आपके भविष्य को सुरक्षित करे, वही काम करना चाहिए.

Monday 10 October 2016

RTI_लिखने का तरीका

*_RTI_लिखने का तरीका*

         RTI लिखने का तरीका -
👉🏿RTI मलतब है सूचना का अधिकार - ये कानून हमारे देश में 2005 में लागू हुआ।जिसका उपयोग करके आप सरकार और
किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है। आमतौर पर लोगो को इतना ही पता होता है।परंतु आज मैं आप को इस के बारे में कुछ और रोचक जानकारी देता हूँ -

👉🏿RTI से आप सरकार से कोई भी सवाल पूछकर सूचना ले सकते है।
👉🏿RTI से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है।
👉🏿RTI  से आप दस्तावेज़ की प्रमाणित कापी ले सकते है। 
👉🏿RTI से आप सरकारी कामकाज में इस्तेमाल सामग्री का नमूना ले सकते है।
👉🏿RTI से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते हैं।
👉🏿RTI में कौन- कौन सी धारा हमारे काम की है।

👉🏿धारा 6 (1) - RTI का आवेदन लिखने का धारा है।
👉🏿धारा 6 (3) - अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है। तो वह विभाग
इस को 6 (3) धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा।
👉🏿धारा 7(5) - इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता।
👉🏿धारा 7 (6) - इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है
तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
👉🏿धारा 18 - अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।
👉🏿धारा 8 - इस के अनुसार वो सूचना RTI में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।
👉🏿धारा 19 (1) - अगर आप
की RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है।तो इस
धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो।
👉🏿धारा 19 (3) - अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरी
अपील अधिकारी को अपील कर सकते हो।

👉🏿RTIकैसे लिखे?

इसके लिए आप एक सादा पेपर लें और उसमे 1 इंच की कोने से जगह छोड़े और नीचे दिए गए प्रारूप में अपने RTI लिख लें
...................................

सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन।

सेवा में,

अधिकारी का पद / जनसूचना अधिकारी
विभाग का नाम.............

विषय - RTI Act 2005 के अंतर्गत .................. से संबधित सूचनाऐं।

अपने सवाल यहाँ लिखें।

1-..............................
2-...............................
3-..............................
4-..............................

मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू का पोस्टलऑर्डर ........ संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्डधारी हूं। इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल.कार्ड नं..............है।
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित
नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के
समयावधि के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत
सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।

भवदीय

नाम:....................
पता:.....................         
फोन नं:..................

हस्ताक्षर...................

ये सब लिखने के बाद अपने हस्ताक्षर कर दें।
👉🏿अब मित्रो केंद्र से सूचना मांगने के लिए आप 10 रु देते है और एक पेपर की कॉपी मांगने के 2 रु देते है। 
👉🏿हर राज्य का RTI शुल्क अगल अलग है जिस का पता आप कर सकते हैं।
👉🏿जनजागृति के लिए जनहित में शेयर करे। 
👉🏿RTI का सदउपयोग करें और भ्रष्टाचारियों की सच्चाई /पोल दुनिया के सामने लाईये

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